Bhaskar News Network | Jun 01, 2017, 04:45 IST फलोदीके कालरां, मोखेरी लोर्डियान गांवों में आनुवांशिक बीमारी स्पाइनो सेरिबेलर एटैक्सिया से पीड़ित कुनबा सामने आने के बाद डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज ने जल्द ही क्षेत्रीय आनुवांशिक अनुसंधान प्रयोगशाला खोलने का निर्णय लिया है। ताकि शहर में इस बीमारी के साथ ही अन्य आनुवांशिक बीमारियों की जांच की सुविधा मिल सके। रिसर्च लैब के लिए जगह का निरीक्षण किया गया। बाद में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में बनी सेंट्रल रिसर्च लैब को उपयुक्त मानते हुए चिह्नित किया गया। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर के 21 मई के अंक में ‘आनुवांशिक बीमारी से ग्रसित एक कुनबा, पैरों पर खड़े नहीं हो पाते 9 लोग, 4 की हो चुकी मौत’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर देश में पहली बार इस तरह का मामला उजागर किया था। शेष| पेज 12 डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज में आनुवांशिक बीमारी पर शोध कर रहे डॉ. मनीष पारख ने बताया कि की रिसर्च लैब को स्थापित करने के लिए जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रवीण गहलोत और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कल्पेश टाक ने सहयोग देने के लिए स्वीकृति दी है। डॉ. गहलोत और डॉ. टाक ने डॉ. मनीष पारख की टीम से विचार-विमर्श कर कॉलेज की टीम के साथ कॉलेज में उपलब्ध उपकरण और संसाधनों के बारे में जानकारी ली। डॉ. पारख ने बताया कि रिसर्च लैब खुलने से पहले टीम जयनारायण व्यास जाकर ट्रेंनिग लेंगी। डीएनए और आरएनए को अलग करने की विधि को सिखाएंगे। स्थापना के लिए 6 जून को दिल्ली से आएगी टीम रिसर्च लैब को स्थापित करने और यहां की वस्तु स्थिति से अवगत होने के लिए दिल्ली से सीएसआईआर के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. विनोद स्कारिया डॉ. श्रीधर सिवासुब आएंगे। उसके बाद जोधपुर से रिसर्च लैब में काम करने वाली टीम दिल्ली जाकर ट्रेंनिग लेगी। भास्कर में 21 मई को प्रकाशित। स्पाइनो सेरिबेलर एटैक्सिया पीड़ितों के सामने आने पर निर्णय | ![]() |
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